Sunday 20 January 2013

Kalakar

कलाकार का करिश्मा है तू , या खुद ही कलाकार है ,
होता नहीं है अब मुझसे , तेरा इख़्तियार है ,
तेरे दमकते चेहरे को चाँद ने देखा होगा सजनी ,
तभी अंधियारे में तुझसे मिलने आई है चाँदनी ।

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